Web 3.0 क्या है? इसके फायदे और नुकसान (web 3.0 kya hai in hindi)

वेब 3.0 नाम आपने बिलकुल सुन लिया होगा लेकिन क्या आप जानते है कि वेब 3.0 क्या है और वेब 3.0 के फायदे और नुकसान क्या क्या है? (Web 3.0 Kya Hai In Hindi) इसके अलावा क्या आप ये जानते हैं कि ये हमारे जिंदगी को कैसे बदलने वाला है?

आज आप इस आर्टिकल में यही सारे सवालों का जवाब जान पाएंगे। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपके मन में वेब 3.0 के बारे में जितने भी सवाल हैं उन सारे सवालों के जवाब मिल जायेंगे। आइये सबसे पहले कुछ बेसिक जानकारी आपको दे देते हैं।

दोस्तों इससे पहले की हम आपको वेब 3.0 के बारे में आपको बताना शुरू करें आपको वेब 1.0 और वेब 2.0 के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए ताकि आप वेब 3.0 की चीजें आसानी से समझ पाएं। आइये सबसे पहले इन दोनों को जानते हैं-

Web 3.0 Kya Hai In Hindi
Web 3.0 Kya Hai In Hindi

वेब 1.0 क्या है? (Web 1.0 Kya Hai)

वेब 1.0 का अविष्कार 1989 में हुआ था और ये 1993 में पॉपुलर हुआ और 1999 तक चला। वेब 1.0 में वेबसाइट सिर्फ स्टैटिक हुआ करती थी। स्टैटिक का मतलब है कि आप सिर्फ उसको देख पाते और उसके अलावा आप उसपर कुछ कर नहीं पाते।

उस समय आप सिर्फ इंटरनेट पर जानकारियाँ सिर्फ पढ़ पाते इसके अलावा आप न किसी साइट पर अकाउंट बना पाते और न ही किसी के पोस्ट पर कमेंट कर पाते। उस समय सोशल मीडिया वेबसाइट भी नहीं हुआ करती थी। बहुत ऑउटडेटेड हो गया है और आप जब देखेंगे तब उसको बेकार ही बोलेंगे। उदाहरण के लिए आप नीचे दिए गए इमेज देख सकते हैं।

वेब 1.0 की वेबसाइट कुछ ऐसी ही हुआ करती थी जिसमे आप कुछ नहीं कर सकते। आप सिर्फ वेबसाइट पर जो भी है उसको पढ़ सकते हैं या उसे देख सकते हैं।

वेब 2.0 क्या है? (Web 2.0 Kya Hai)

वेब 2.0 का अविष्कार 2000 ईस्वी के आसपास हुआ था और ये अभी तक चलता हुआ आ रहा है। वेब 2.0 में वेबसाइट और अच्छी होने लगी। इसमें आपको अकाउंट बनाने और किसी भी प्रकार के कंटेंट पर कमेंट करने का ऑप्शन मिलने लगा।

वेब 2.0 में बहुत सारी सोशल मीडिया कंपनी का भी विकास हुआ जैसे कि फेसबुक, इंस्टाग्राम और टविटर। इन सारे वेबसाइट पर जाकर आप अपना अकाउंट बना सकते है वहाँ पर आप अपना कंटेंट पोस्ट कर सकते है और इसके साथ साथ दूसरे लोगो के कंटेंट को भी देख सकते है और उसपर अपना रिएक्शन और कमेंट दे सकते हैं।

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सारी बातों का एक बात यही है कि वेब 2.0 में वेबसाइट dynamic और interactive बनने लगी। इसने ऑनलाइन स्टोर बिज़नेस यानी कि ecommerce business को भी बहुत आगे बढ़ाया है।

वेब 3.0 क्या है? (Web 3.0 Kya Hai In Hindi)

वेब 3.0 जिसे टेक की भाषा में “वेब टू पॉइन्ट ओ” कहते है ये इंटरनेट का भविष्य है जो कि समझना कुछ लोगो के लिए थोड़ा मुश्किल है लेकिन कुछ मायनों में ये सही है और कुछ मायनो में ये गलत भी है।

वेब 3.0 के फायदे और नुकसान के बारे में बात इसी आर्टिकल में थोड़ा नीचे करेंगे आइये सबसे पहले ये समझते हैं कि वेब 3.0 क्या है और ये वेब 1.0 और वेब 2.0 से कैसे अलग है-

Web 3.0 Kya Hai:– वेब 3.0 वेब का तीसरा वर्शन है जिसमें यूजर अपने कंटेंट का और इंटरनेट पर डाली गयी सारे कंटेंट का मालिक खुद होगा और अपने सारे डाटा को खुद के कंप्यूटर में रख पायेगा।

टेक्नोलॉजी की भाषा में इसे decentralized web या विकेन्द्रीकृत वेब भी कहते है। इसके बारे में टेक एक्सपर्ट का ये मानना है कि वेब 3.0 के बाद आपका डाटा को आप खुद मैनेज कर पाएंगे और इसके अलावा कुछ कंपनी या कुछ लोग ही सिर्फ आपके डाटा मैनेज नहीं कर पाएंगे।

उदहारण के लिए:- हमलोग फेसबुक और व्हाट्सप्प को प्रतिदिन यूज़ करते हैं। हमलोग फेसबुक और व्हाट्सप्प को बहुत सारे डाटा यानी कि जानकारी भी देते हैं जैसे कि नाम, जन्मदिन और भी बहुत सारी चीजें। ये सारी कंपनी हमारे इन सारे डाटा का प्रयोग पैसे कमाने के लिए करती है। कुछ कंपनी हमारे पसंद की प्रचार दिखाकर हमसे पैसे कमाती है तो दूसरी तरफ कुछ कंपनी हमारे डाटा को बेच भी देती है जिससे इसका गलत इस्तेमाल या दुरूपयोग भी होता है।

क्या आपने कभी सोचा है कि इन कंपनियों को हमारे डाटा बेचने का अधिकार किसने दिया? और इन गिने चुने कंपनियों को हमारे डाटा के मालिक बनने का अधिकार किसने दिया?

किसी ने नहीं।, लेकिन हमारे डाटा के बिना कोई भी कंपनी बन ही नहीं सकती, न चल सकती है। इसी समस्या को दूर करने के लिए वेब 3.0 को इस्तेमाल में लाया जा रहा है।

वेब 3.0 के फीचर्स (Features Of Web 3.0)

अभी मैंने आपको बताया कि वेब 3.0 क्या है लेकिन बिना इसके फीचर्स जाने आपको इसके बारे में समझ आना बहुत मुश्किल है इसीलिए आइये इसके फीचर्स के बारे में भी समझते हैं।

  1. विकेन्द्रीकरण (Decentralization):- वेब 3.0 के बारे में टेक एक्सपर्ट का ये मानना है कि web 3.0 को आने के बाद आपको फेसबुक और ट्विटर जैसे कोई एक दो कंपनी एकाधिकार (Monopoly) नहीं कर पायेगी। हमारे डाटा का विकेन्द्रीकरण हो जायेगा और ये कंपनी हमारे डाटा पर हक़ नहीं जमा पायेगी।
  2. NFT:- NFT एक प्रकार का कोई ऑनलाइन इमेज, वीडियो या कुछ भी हो सकता है जो यूनिक हो और उसपर सिर्फ आपका ही अधिकार हो। Web 3.0 को आने से इसको प्रोत्साहन मिलेगी। अभी भी NFT बहुत ट्रेंडिंग में है और इसके बारे में अधिक जानने के लिए NFT क्या है आर्टिकल पढ़िए।
  3. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology):- वेब 3.0 ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करेगा और इसका फायदा ये है कि डाटा एक ही जगह स्टोर करने की कोई जरुरत नहीं पड़ेगी। डाटा बहुत सारे कंप्यूटर में अलग अलग स्टोर होगा। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के बारे में अधिक जानने के लिए ब्लॉकचेन क्या है आर्टिकल जरूर पढ़िए।
  4. बिना सर्वर का इंटरनेट (Server-less Internet):- ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की वजह से वेब 3.0 में किसी भी प्रकार की कोई होस्टिंग या सर्वर की जरुरत नहीं होगी। पूरा डाटा विकेन्द्रीकृत रहेगा और बहुत सारे कंप्यूटर में स्टोर रहेगा, न कि कोई एक सर्वर पर।
  5. अधिक सुरक्षित (More Security):- जैसे की मैंने आपको बताया कि वेब 3.0 ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर काम करेगा इसी की वजह से डाटा किसी एक होस्टिंग या सर्वर पर नहीं रहेगा। इसी के बारे में टेक एक्सपर्ट का ये मानना है कि डाटा अलग अलग कंप्यूटर में होने के वजह से ज्यादा सुरक्षित रहेगा। इसके पीछे कारण ये है कि एक ही बार में पूरा कंप्यूटर हैक नहीं हो पायेगा। हैक होगा भी तो एक दो कंप्यूटर होगा, पूरा वेब नहीं होगा।
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इसके अलावा भी वेब 3.0 के बहुत सारे फीचर्स है लेकिन ऊपर दिए गए फीचर्स वैसे फीचर्स हैं जिनके बारे में जानना बहुत जरुरी हैं। यही सारे वेब 3.0 के बेसिक फीचर्स हैं। बाकी जो भी फीचर्स हैं वो भी किसी न किसी तरह से इसी पर आधारित हैं।

सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

हमें आशा है कि आपको समझ आ गया होगा कि वेब 3.0 क्या है यदि आपका अभी भी कोई सवाल रह गया हो तब आप उसे नीचे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। बाकि वेब 3.0 के बारे में सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवालों के जवाब नीचे दिए गए हैं।

क्या वेब 3.0 को आने से बड़ी बड़ी कम्पनियाँ खत्म हो जाएगी?

ये सोचना बिलकुल बेकार है क्योंकि जैसा कि पता होगा कि परिवर्तन ही संसार का नियम है। जैसे जैसे वेब 3.0 काम में आ रहा है वैसे-वैसे सारी बड़ी कंपनी इसे अपने काम ले रही है और इसके लिए प्रोडक्ट भी बना रही है। जैसे कि फेसबुक metaverse ला रही है। कंपनियाँ कहीं नहीं जा रही है।

वेब 3.0 को आने से हमलोगों का क्या फायदा है?

जैसा कि आपको पता होगा कि डाटा सुरक्षित रखना इन दिनों कितना जरुरी हो गया है। आये दिन बड़ी बड़ी कंपनियां हमारा डाटा लीक करती रहती है तो ऐसे में टेक एक्सपर्ट का ये मानना है कि वेब 3.0 के आने से हमारा डाटा लीक का प्रॉब्लम खत्म हो जायेगा और हमलोगों का डाटा सुरक्षित रहेगा। इसके अलावा भी वेब 3.0 के बहुत सारे फायदे और नुकसान है। डाटा सुरक्षित होना सबसे बड़ा फायदा है।

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वेब 3.0 और वेब 2.0 में क्या अंतर है?

वेब 3.0 बाकी सारे वेब version जैसे कि 2.0 और 1.0 से एडवांस होने जा रहा है। इसमें आपको यानी कि यूजर को 2.0 और 1.0 के मुकाबले ज्यादा फीचर देखने को मिलेगा। यदि आप फीचर्स के बारे में जानना चाहते हैं तब इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए।

वेब 3.0 की शुरुआत कब हुई?

वेब 3.0 का शुरुआत बहुत पहले हो चुकी थी लेकिन 2010 के बाद से पॉपुलर होने लगा और अब धीरे-धीरे बहुत पॉपुलर हो गया है क्योंकि बड़ी बड़ी टेक कम्पनियाँ भी इसपर ज्यादा ध्यान दे रही है।

वेब 3.0 के उदाहरण क्या है?

वेब 3.0 का सबसे बड़ा उदाहरण cryptocurrency है जो कि blockchain टेक्नोलॉजी पर काम करता है। इसके अलावा भी बहुत जगह पर वेब 3.0 का इस्तेमाल होता है।

क्या वेब 3.0 हमारे नौकरी खाने में सक्षम है?

ये तो समय ही बताएगा लेकिन हमे ऐसा लगता है कि आपको इससे बिलकुल भी नहीं डरना है क्योंकि आप टेक में है। यदि आप टेक में हैं तब आप होने वाले नए अविष्कारों को स्वीकार कीजिये और आगे बढ़िए। यही टेक इंडस्ट्री का नियम है।

Conclusion: Web 3.0 Kya Hai

जैसा कि मैंने आपको बताया वेब 3.0 वेब का तीसरा version है और मैंने आपको वेब के पहले और दूसरे version के बारे में भी बताया। वेब 3.0 थोड़ा डरावना सा लगता है लेकिन वास्तविक में कुछ भी ऐसा नहीं है। जैसे-जैसे लोगो की जरुरत बढ़ रही है वैसे वैसे टेक्नोलॉजी भी आगे बढ़ रहा है।

इस आर्टिकल में मैंने आपको वेब 3.0 के बारे में बहुत सारी बेसिक बातें बताने की कोशिश की। हमे आशा है कि ये सारी बातें आपको समझ आ गयी होगी। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद भी आपके पास कोई सवाल रह गया हो तब आप नीचे कमेंट में पूछ सकते हैं।

यदि आपको ये आर्टिकल ‘Web 3.0 क्या है? इसके फायदे और नुकसान (web 3.0 kya hai in hindi)’ पसंद आया हो तब आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना बिलकुल भी नहीं भूलें।

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